10.जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु

जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । 
जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा । 

तुम बिन कौन जगत में मेरा २,पार करों देवा२ 
जय पद्मप्रभु देवा, स्वामी जय पद्मप्रभु देवा ॥ 

तुम हो अगम अगोचर स्वामी हम हैं अज्ञानी२। 
अपरम्पार तुम्हारी महिमा, काहू ना जानी २ ॥ 
तुम बिन कौन जगत में मेरा० 

विघ्न निवारो संकट टारो, हम आये शरणा २ । 
कुमति हटा सुमति दीज्यो, कर जोड़ पड़े चरणा२l
तुम बिन कौन जगत में मेरा० 

पाँव पड़े को पार लगाया सुख सम्पति दाता २ । 
श्रीपाल का कष्ट हटाकर, सुवर्ण तन कीना २॥ 
तुम बिन कौन जगत में मेरा०