1.तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण

तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण,
 पारस प्यारा,मेटो मेटो जी संकट हमारा ।
निशदिन तुमको जपूँ, पर से नेह तजूँ, 
जीवन सारा,तेरे चाणों में बीत हमारा ॥


तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण,
पारस प्यारा,मेटो मेटो जी संकट हमारा ।
मेटो मेटो जी संकट हमारा ।


अश्वसेन के राजदुलारे,
 वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।
सबसे नेह तोड़ा, 
जग से मुँह को मोड़ा, संयम धारा ॥
मेटो मेटो जी संकट हमारा ।


इंद्र और धरणेन्द्र भी आए, 
देवी पद्मावती मंगल गाए।
आशा पूरो सदा, 
दुःख नहीं पावे कदा, सेवक थारा ॥
मेटो मेटो जी संकट हमारा ।


जग के दुःख की तो परवाह नहीं है, 
स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है।
मेटो जामन मरण, 
होवे ऐसा यतन, पारस प्यारा ॥
मेटो मेटो जी संकट हमारा ।


लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ, 
जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ ।
‘पंकज’ व्याकुल भया ,
दर्शन बिन ये जिया लागे खारा ॥
मेटो मेटो जी संकट हमारा ।