18.एक दर पे भिखारी है,बड़ा दीन–दुखारी है

एक दर पे भिखारी है,बड़ा दीन–दुखारी है,

तेरी बाट निहार रहा,तेरा नाम पुकार रहा 

एक दर पे भिखारी है,बड़ा दीन–दुखारी है,

इस दिल में उदासी है,आंखे दर्श की प्यासी है,

तेरे दर्शन हो जाये,इच्छा ये जरा सी है,

सुनी सी आंखों से,तेरा द्वार भिखारी है

एक दर पे भिखारी है,बड़ा दीन–दुखारी है,

सुनते है तेरी रहमत,हर ओर बरसती है,

हम पर भी दया कर दो,हसरत ये मचलती है,

अब तो आ जाओं प्रभु,तेरा बेटा पुकार रहा

एक दर पे भिखारी है,बड़ा दीन–दुखारी है

धन दौलत ना चाहिये,ना चांदी ना सोना,

दे दो अपने दिल में,एक छोटा सा कोना,

जी नही पायेंगे हम,तेरा गर इन्कार रहा

एक दर पे भिखारी है,बड़ा दीन–दुखारी है

दुनियां के सताये है,तेरी शरण में आये है,

कर दो कृपा अब हम पर,हम ठोकरें खाये है,

अब थाम लो तुम दामन,बैरी संसार रहा

एक दर पे भिखारी है,बड़ा दीन–दुखारी है