27. श्री शीतलनाथ जी की आरती
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।
घृत दीपक से करू आरती,घृत दीपक से करू आरती।
तुम अंतरयामी, ॐ जय शीतलनाथ स्वामी ॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०
भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु,दृढरथ पितु नामी २।
मात सुनन्दा के नन्दा तुम २, शिवपथ के स्वामी ॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०
जन्म समय इन्द्रो ने, उत्सव खूब किया, स्वामी उत्सव खूब किया ।
मेरु सुदर्शन ऊपर २, अभिषेक खूब किया ॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०
पंच कल्याणक अधिपति, होते तीर्थंकर ,स्वामी होते तीर्थंकर ।
तुम दसवे तीर्थंकर 2, हो प्रभु क्षेमंकर ॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०
अपने पूजक निन्दक के प्रति, तुम हो वैरागी, स्वामी तुम हो वैरागी ।
केवल चित्त पवित्र करन नित 2, तुम पूजे रागी ॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०
पाप प्रणाशक सुखकारक, तेरे वचन प्रभो ,स्वामी तेरे वचन प्रभो ।
आत्मा को शीतलता शाश्वत २, दे तब कथन विभो ॥
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०
जिनवर प्रतिमा जिनवर जैसी,हम यह मान रहे,स्वामी हम यह मान रहे।
प्रभो चंदानामती तब आरती २,भाव दुख हान करें
ॐ जय शीतलनाथ स्वामी०