29. ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी
ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी, प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामी।
शल्य नशें भक्तों की, होवें निष्कामी।
ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी, प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामी।
चैत्र सुदी एकम को, गर्भ बसे आके।।स्वामी.।
प्रजावती मां कुम्भराज पितु, अतिशय हर्षाते।
ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी,प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामी।
जन्म हुआ मिथिला में, मगशिर सुदि ग्यारस।।स्वामी.।
इसी दिवस शुभ दीक्षा लेकर, सफल किया स्वारथ।
ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी, प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामी।
पौष कृष्ण दुतिया को, केवलरवि प्रगटा।।स्वामी.।
इन्द्र स्वयं आकर तब, समवसरण रचता।
ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी, प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामी।
फाल्गुन सुदि सप्तमि को, मोक्षधाम पाया।।स्वामी.।
सम्मेदाचल पर जा, स्वात्मधाम पाया।
ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी, प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामीl
स्वर्ण शरीरी पर अशरीरी, बने मल्लिप्रभु जी।स्वामी.।
करे ‘‘चंदनामति’’ तव वन्दन, तुम सम बने मती।
ॐ जय मल्लिनाथ स्वामी, प्रभु जय मल्लिनाथ स्वामी।