12.इष्ट प्रार्थना

भावना दिन रात मेरी,सब सुखी संसार हो।
सत्य संयम शील का,व्यवहार हर घर बार हो।।

 
धर्म का परचार हो,अरु देश काउद्धार हो ।
और ये उजड़ा हुआ,भारत चमन गुलजार हो।।

 
ज्ञान के अभ्यास से,जीवों का पूर्ण विकास हो।
धर्मं के परचार से,हिंसा का जग से ह्रास हो।।

 
शांति अरु आनंद का,हर एक घर में वास हो।
वीर वाणी पर सभी,संसार का विश्वास हो।।

 
रॊग अरु भय शोक होवें,दूर सब परमात्मा ।
कर सके कल्याण ज्योति,सबजगत की आत्मा।।